मुंबई। पिछले दो सालों के दौरान, देश के क़रीब 1.4 करोड़ लोगों ने अपने भविष्य निधि ख़ाते से कुल 31,882 करोड़ रुपये की निकासी की है। पैसे की ये निकासी ‘कोविड एडवांस’ के रूप में हुई है।
कोरोना के दौरान लाखों लोगों को बेरोजगार होना पड़ा था। आर्थिक परेशानी के कारण लोगों को ईपीएफ़ से पैसा निकालने को मजबूर होना पड़ा। देश में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफ़ओ) के पास 24.77 करोड़ खाते रजिस्टर्ड हैं।
केंद्र सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए 24 मार्च, 2020 को पूरे देश में लॉकडाउन लगाने का एलान किया था। लॉक डाउन और आर्थिक प्रतिबंधों के कारण जहां सभी प्रकार की गतिविधियां ठप हो गईं, वहीं कई कंपनियां बंद कर दी गई। लोगों की नौकरियां चली गईं और कई लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा।
सरकार ने मार्च 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज-1 और 2 समेत कई योजनाओं के साथ लोगों को रियायतें देने का भी एलान किया था। ईपीएफ़ से पैसे निकालने की व्यवस्था भी दी गई थी। पिछले साल 2021 में पीएफ़ से एक बार फिर निकासी की अनुमति दी गई। ईपीएफ़ओ सदस्यों को अपने अकाउंट से ‘कोविड एडवांस’ के रूप में पैसे निकासी की अनुमति दी गई थी।
ईपीएफ़ओ से हुई निकासी के अलावा बड़े पैमाने पर लोगों को निजी व्यक्तियों व साहूकारों से कर्जे लेना पड़ा है। लोगों को इलाज के लिए भी कर्जे लेने को विवश होना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, साल 2020 में 56,99,222 ख़ाताधारकों ने कुल 1,43,53,46,15,302 (क़रीब 14,353 करोड़) रुपये की निकासी की थी, जबकि वर्ष 2021 में 83,02,004 ख़ाताधारकों ने कुल 1,75,29,08,22,141 (क़रीब 17,529 करोड़) रुपये निकाले थे।
इस योजना के अलावा, ईपीएफ़ओ से वर्ष 2020 में 54,10,901 ख़ाताधारकों ने कुल 3,84,08,79,56,590 (क़रीब 38,408 करोड़) रुपये निकाले., जबकि वर्ष 2021 में ईपीएफ़ओ से कुल 56,59,397 ख़ाताधारकों ने 4,17,92,07,86,407 (क़रीब 41,792 करोड़) रुपये की निकासी की थी।