भाजपा विधायक ने लगाया घोटाले का आरोप
कांग्रेस ने कहा – फडणवीस सरकार जिम्मेदार
मुंबई। मनोरा विधायक निवास के पुनर्निर्माण के लिए 900 करोड़ रुपये टेंडर जारी करने के मसले पर राज्य में विपक्षी दल भाजपा और सत्ताधारी कांग्रेस-शिवसेना-राकांपा आमने-सामने आ गई है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने कोरोना संकट के बावजूद सेंट्रल विस्टा परियोजना को जारी रखने पर केंद्र सरकार की आलोचना की है। इसके जवाब में प्रदेश भाजपा का कहना है कि सेंट्रल विस्टा पर सवाल करने वाली सत्ताधारी पार्टी की घटक कांग्रेस को विधायक निवास के पुनर्निर्माण टेंडर जारी नहीं करना चाहिए था। भाजपा ने विधायक निवास परियोजना की लागत 600 करोड़ रुपये से बढ़कर 900 करोड़ रुपये होने पर सवाल उठाया है। भाजपा विधायक ने विधायक निवास के निर्माण में 300 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है।
शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने सफाई देते हुए कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना और मनोरा विधायक निवास पुनर्निर्माण परियोजना में फर्क है। दिल्ली में फिलहाल संसद अस्तित्व में है और प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए आवास उपलब्ध है। लेकिन मुंबई में विधायकों को रहने के लिए आवास नहीं है। हर विधायक को मुंबई में रहने के लिए प्रति महीना एक लाख रुपये दिया जाता है। मनोरा विधायक निवास को ढहा दिया गया है। पूर्व की फडणवीस सरकार ने ही मनोरा विधायक निवास पुनर्निर्माण का फैसला लिया था।
भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि मनोरा विधायक निवास पुनर्निर्माण परियोजना की लागत 600 करोड़ रुपये से बढ़कर 900 करोड़ रुपये हो गई है। सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर टेंडर रद्द करने की मांग की है। टेंडर रद्द नहीं हुआ तो चीफ विजिलेंस कमिश्नर से शिकायत करेंगे।
भातखलकर के आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि राज्य सरकार को भाजपा के उपदेश की आवश्यकता नहीं है। तत्कालिन फडणवीस सरकार ने मनोरा विधायक निवास का पुनर्निर्माण का फैसला 2018 में लिया था। इसका निर्माण कार्य पहले ही हो जाता। लेकिन फडणवीस सरकार के समय इसमें घोटाला हुआ। इससे निर्माण कार्य में देरी हुई और राज्य सरकार का 700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।