नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को भ्रष्टाचार के एक मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस.एन. शुक्ला पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है। उन पर अपने आदेशों के जरिये एक निजी मेडिकल कॉलेज को फायदा पहुंचाने का आरोप है। शुक्ला पांच अक्टूबर 2005 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का हिस्सा बने और 17 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त हुए।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत 16 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त न्यायाधीश शुक्ला पर मुकदमा चलाने के लिए उच्च न्यायालय से मंजूरी मांगी थी।
उच्च न्यायालय के मंजूरी देने के बाद सीबीआई अब सेवानिवृत्त न्यायाधीश शुक्ला के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर सकती है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायाधीश शुक्ला के अलावा एजेंसी ने प्राथमिकी में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएम कुद्दुसी, प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के भगवान प्रसाद यादव, पलाश यादव, ट्रस्ट और निजी व्यक्तियों भावना पांडेय और सुधीर गिरि को भी नामजद किया है।
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने लखनऊ, मेरठ और दिल्ली में कई स्थानों पर छापे मारे थे।