मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को 15 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। साल 2007 में गोरखपुर दंगे से जुड़े हेट स्पीच देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीएम को राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी है।
बता दें कि यह मामला 2007 में गोरखपुर में हुई हिंसा से जुड़ा था, जिसमें याचिकाकर्ता की तरफ से तत्कालीन सांसद आदित्यनाथ पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था।
सांप्रदायिक दंगे के मामले परवेज परवाज ने केस दर्ज कराया था। परवेज परवाज और असद हयात की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एसी शर्मा की डिविजन बेंच ने सुनवाई के बाद अपना यह फैसला सुनाया था।
दरअसल, फरवरी 2018 में गोरखपुर के सांप्रदायिक दंगा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुकदमा चलाने के लिए जरूरी अभियोजन स्वीकृति देने से शासन के इनकार के विरुद्ध दाखिल याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी अस्वीकार कर दी थी।
बता दें कि 2017 में भी राज्य सरकार ने आदित्यनाथ के खिलाफ 22 साल पुराना मुकदमा वापस लेने का फैसला किया था। यह मुकदमा 27 मई 1995 को गोरखपुर के पीपीगंज थाने में आदित्यनाथ, मौजूदा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल समेत 13 लोगों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज हुआ था। इसमें उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट का ऑर्डर भी हुआ था। सरकार ने एक कानून बनाकर 20,000 राजनीतिक मुकदमे वापस लिए थे।