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महाराष्ट्र में बीजेपी की ‘अप्रत्याशित’ जीत, जाल में उलझे पवार-शिंदे

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– गठबंधन की सियासत पर होगा असर
– पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा में कोई नेता विपक्ष नहीं होगा
– महायुति ने 80% सीटें जीत रचा इतिहास

प्रहरी संवाददाता, मुंबई। महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने 80 फीसदी सीटें जीतकर इतिहास रच दिया, तो  वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को भारी झटका लगा, वह सिर्फ 50 सीटों पर ही सिमट गया।
बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। पार्टी अपने दम पर बहुमत से सिर्फ 13 सीटें कम है। उसकी सहयोगी शिवसेना ने 57 सीटें, एनसीपी (अजीत) ने 41 सीटें जीती हैं।  महायुति ने 288 में से 234 सीटों पर बंपर जीत हासिल की है।

बीजेपी को नहीं थी ऐसी उम्मीद

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति के नाम से चुनाव लड़ रहे बीजेपी नेतृत्व के एनडीए गठबंधन ने ना सिर्फ़ स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, बल्कि राज्य में अभी तक की सबसे बड़ी जीत में से एक दर्ज की है। बीजेपी ने अपने दम पर 133 सीटें हासिल की हैं, जो बहुमत के आंकड़े से कुछ ही कम हैं। ऐसे में विश्लेषक ये मान रहे हैं कि महाराष्ट्र में अब मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा।

 

बीजेपी के जाल में उलझे साथी और विपक्ष

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी ने बड़ी ही चालाकी से सीटों का बंटवारा किया। उसकी चाल न तो महायुति में शामिल सहयोगी दल ही समझ पाए, और न ही शरद पवार जैसा दिग्गज। बीजेपी ने दोनों शिवसेनाओं और दोनों एनसीपी के उम्मीदवारों के बीच लड़ाई करा दी। अधिकतर सीटों पर कांग्रेस के साथ सीधी लड़ाई में बीजेपी के सहयोगी के तौर पर मनसे ने अच्छी भूमिका निभाई। अजित पवार की NCP ने अपने चाचा शरद पवार की पार्टी को 29 सीटों पर शिकस्त दी, तो वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने उद्धव की शिवसेना के 36 उम्मीदवारों को हराया। इस तरह बीजेपी ने इन 65 सीटों पर मूल पार्टियों को ही आपस में भिड़ा कर अपनी ऐतिहासिक जीत की नींव रखी। 
बीजेपी ने 149 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 132  सीटों पर जीत हासिल की। इस तरह उसका स्ट्राइक रेट 89.26 फीसदी रहा। वहीं, शिवसेना (शिंदे) के 81 में 57 उम्मीदवार जीते और जीत की दर 70.3 फीसदी रही। NCP (अजीत पवार) ने 59 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसके 69.5 फीसदी यानी 41 उम्मीदवार जीते।

 

लोकसभा की हार का बदला

शरद पवार, उद्धव ठाकरे जैसे दिग्गजों को पटखनी देकर महायुति ने सात माह पहले आम चुनाव में मिली हार का बदला ले लिया। महाराष्ट्र की हार ने इंडिया गठबंधन के लिए स्थिति को बेहद मुश्किल कर दिया है और गठबंधन के सामने सभी दलों को साथ रखने की चुनौती भी आ सकती है।

MVA के दिग्गज धराशाई

कांग्रेस के कई बड़े मोहरे धराशाई हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, बाला साहेब थोरात जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता अपनी सीट तक नहीं बचा पाए। पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत विलासराव देशमुख के दो बेटों में एक धीरज देशमुख को हार का सामना करना पड़ा, जबकि अमित कड़े मुकाबले में जीते।
उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे भी कड़े संघर्ष में ही जीत पाए। उद्धव की शिवसेना, जिसने पिछली बार 16 सीटें अकेले मुंबई में जीती थीं, वह पूरे प्रदेश में केवल 20 सीटों पर ही सिमट गई। शरद पवार 2019 की तरह किंगमेकर बनने का ख्वाब देख रहे थे, जो बिखर गया। दिवंगत एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी का बेटा जीशान व राज ठाकरे का बेटा अमित भी चुनाव हार गए।

महाराष्ट्र विधानसभा : कुल सीट 288
बहुमत : 145

महायुति गठबंधन को 234 सीटें

बीजेपी    132
शिवसेना (शिंदे)    57
एनसीपी (अजीत)    41
अन्य सहयोगी    04

महाविकास आघाड़ी को 50 सीटें

शिवसेना (उद्धव)    20
कांग्रेस    16
एनसीपी (शरद)    10
सपा+अन्य    4


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