उच्च न्यायालय ने आरोपी विक्रम भावे को जमानत दी
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने साल 2013 में नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में सजायाफ्ता आरोपी विक्रम भावे को जमानत दे दी है। सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर की पुणे में 20 अगस्त 2013 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोपी भावे पर घटना में शामिल दो आरोपियों सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर की मदद करने का आरोप है। बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पितले की पीठ ने भावे को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी और उसे एक महीने तक हर दिन और फिर दो महीने के लिए हर दूसरे दिन पुणे में संबंधित पुलिस स्टेशन में हाजिर होने का निर्देश दिया। अदालत ने भावे से मामले की सुनवाई में पेश होने और किसी भी सबूत से छेड़छाड़ नहीं करने और गवाहों को प्रभावित नहीं करने और किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों से भी दूर रहने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से पेश अधिवक्ता संदेश पाटिल ने आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया। हालांकि उच्च न्यायालय ने इससे इनकार कर दिया। कालस्कर के बयान के आधार पर सीबीआई ने भावे को वकील संजीव पुणालेकर के साथ 25 मई 2019 को गिरफ्तार किया था। पुणालेकर को जून 2019 में पुणे में सत्र अदालत ने जमानत दे दी थी। पुणे की एक सत्र अदालत में जमानत याचिका खारिज होने के बाद भावे ने इस साल के शुरू में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।