मुंबई, 09 जनवरी 2025। ईडी के मुंबई ज़ोनल कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत आरोपी सुरेश कुटे को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी मेसर्स ज्ञानराधा मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी लिमिटेड से संबंधित घोटाले के संदर्भ में की गई है। पीएमएलए की विशेष अदालत ने आरोपी कुटे को 10 जनवरी तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया है।
ईडी ने मई से जुलाई 2024 के बीच महाराष्ट्र के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में आईपीसी 1860 और महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इन्वेस्टर्स डिपॉजिट्स अधिनियम, 1999 के तहत दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मामले की जांच शुरू की थी। यह एफआईआर सुरेश कुटे और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ DMCSL के माध्यम से निवेशकों के साथ की गई धोखाधड़ी से संबंधित थी। इस संस्था ने विभिन्न जमा योजनाओं के तहत निवेशकों को 12% से 14% तक ब्याज प्रदान करने का झांसा दिया था। जांच के दौरान पाया गया कि सुरेश कुटे और अन्य सहयोगियों ने 4 लाख से अधिक निवेशकों के साथ 2470 करोड़ रुपये की आर्थिक धोखाधड़ी की है।
जांच में पता चला कि सुरेश कुटे और उनकी पत्नी श्रीमती अर्चना कुटे के स्वामित्व वाली विभिन्न कंपनियों को करोड़ो रुपये ऋण के रूप में धोखाधड़ी से डायवर्ट किया गया है। इस मामले में ईडी ने 2024 में तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान लगभग 11 करोड़ रुपये की चल संपत्तियां जब्त/फ्रीज की गईं। ईडी ने 24 सितंबर 2024 को 85.88 करोड़ रुपये, 09 अक्टूर 2024 को 1002.79 करोड़ रुपये और 05 नवंबर 2024 को 333.82 करोड़ रुपये की संपत्तियों के लिए अस्थायी कुर्की आदेश भी जारी किए थे। इस मामले में अब तक जब्त/फ्रीज और कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य लगभग 1433.48 करोड़ रुपये है।