उद्योगपतियों के कर्ज माफी को लेकर गलत बयान देने के आरोप पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, जो पीड़ित हैं, वही याचिका दायर करें
डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव के खिलाफ कार्रवाई का केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से बुधवार को इनकार कर दिया। याचिका में इन नेताओं पर देश की छवि और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने के इरादे से कथित तौर पर झूठे और भ्रामक बयान देने का आरोप लगाया गया था।
दिल्ली हाई कोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की डिविजन बेंच ने कहा कि देश के मतदाताओं की बुद्धिमत्ता को कम नहीं आंका जाना चाहिए। वे जानते हैं कि कौन उनका नेतृत्व कर रहा है और कौन उन्हें गुमराह कर रहा है।
याचिका में न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों पर चलने वाली कुछ खबरों का हवाला दिया गया था और कहा गया कि राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार द्वारा कुछ उद्योगपतियों के 16 करोड़ रुपये के कर्ज को कथित तौर पर माफ करने के संबंध में भ्रामक और गलत बयान दिया है।
याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह केंद्र को शिकायत दर्ज करने और झूठे और भ्रामक बयान देने के लिए इन नेताओं पर मुकदमा चलाने का निर्देश दे। साथ ही सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों और इन नेताओं से जुड़े राजनीतिक दलों को निर्देश दिया जाए कि वे अपने इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों से इन बयानों को हटा दें।
हाई कोर्ट ने कहा कि जिन उद्योगपतियों और जिन लोगों को बदनाम किया गया है, उनके पास अदालत का दरवाजा खटखटाने और उचित कार्यवाही करने के साधन-संसाधन हैं। इसलिए पीड़ितों को ही याचिका दायर करनी चाहिए।