✍🏻 प्रहरी डिजिटल डेस्क, मथुरा | वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के सदियों पुराने तोषखाने (खजाने) में दो दिन तक चला तलाशी अभियान रविवार को समाप्त हो गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित हाई पावर कमेटी की देखरेख में हुई इस कार्रवाई के बाद तोषखाने को एक बार फिर सील कर दिया गया। तलाशी के दौरान पुराने सिक्के, सोने-चांदी की छड़ें और पीतल के बर्तन बरामद हुए हैं।
करीब 54 साल बाद खोले गए इस तोषखाने में पहले दिन केवल खाली संदूकें और कुछ पुराने बर्तन मिले थे, जबकि दूसरे दिन वर्ष 1941 के सिक्के, तीन चांदी की छड़ें, एक सोने की छड़ और अतिरिक्त धातु के बर्तन बरामद हुए। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई तथा कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी में कमरे पर दोबारा सील लगाई गई।
गौरतलब है कि पहली तलाशी में संपत्ति से जुड़े कागजात गायब मिलने का खुलासा हुआ था, जिसके बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस के याचिकाकर्ता दिनेश फलाहारी महाराज ने सीबीआई जांच की मांग की है। अब हाई पावर कमेटी मिली संपत्तियों का विस्तृत मूल्यांकन करेगी।
इस बीच, गोस्वामी समाज ने तलाशी प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई बिना पारदर्शिता के की गई, क्योंकि मीडिया को बाहर रखा गया। वहीं कमेटी ने स्पष्ट किया कि पूरी प्रक्रिया वीडियो रिकॉर्डिंग के तहत की गई है ताकि किसी भी तरह की भ्रांति न रहे।