सभी भारतीय कर्मियों को निकाला
नहीं मिल सका ढाई साल तक एफडीआई क्लीयरेंस
नई दिल्ली। स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) बनाने वाली चीन की सबसे बड़ी कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स (जीडबल्यूएम) ने भारत से अपना कारोबार समेट लिया है। कंपनी एक अरब डॉलर के निवेश के साथ भारतीय कारोबार में एंट्री करने जा रही थी, लेकिन ढाई साल तक एफडीआई क्लीयरेंस नहीं मिल पाई। इस कारण कंपनी ने अब निवेश योजना से पल्ला झाड़ लिया है।
तलेगांव प्लांट को खरीदने की योजना
वर्ष 2020 में ग्रेट वॉल मोटर ने अमेरिकी कंपनी जनरल मोटर्स (जीएम) के तलेगांव प्लांट को खरीदने के लिए एक टर्म शीट एग्रीमेंट किया था।
ग्रेट वॉल मोटर से पहले चीन की चांगन, हाइमा और चेरीके जैसी कई कंपनियों ने भी भारत में एंट्री के अपने प्लान को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
बता दें कि ग्रेट वॉल करीब एक दशक से भारत में एंट्री की संभावनाएं तलाश रही थी। उसने सबसे पहले 2014-15 में कोशिश की थी और फिर 2017 में भी प्रयास किया। कंपनी की भारत के ऑटो मार्केट में अहम रोल निभाने और 30,000 लोगों को रोजगार देने की योजना थी।
आखिरकार उसने 2020 में जीएम के तालेगांव प्लांट को खरीदने के लिए एक टर्म शीट पर साइन किए थे। फिलहाल कंपनी ने तीन महीने का सेवरेंस पैकेज और छह महीने की वेरिएबल पे देकर भारत में अपने सभी 11 कर्मचारियों को निकाल दिया है।