सुप्रीम कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद मामले में निचली अदालत को किसी भी कार्रवाई से रोका
डिजिटल न्यूज डेस्क, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संभल की शाही जामा मस्जिद मामले पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत को आगे की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने को कहा है।
बता दें कि 19 नवंबर को जिला जज सीनियर डिवीजन ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश देते हुए अधिवक्ता रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था, जिसके बाद टीम ने मस्जिद का सर्वे किया था।
शीर्ष अदालत ने कहा है, “जब तक सर्वे के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद कमिटी की याचिका हाई कोर्ट में सूचीबद्ध नहीं हो जाती, तब तक निचली अदालत इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगी।”
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में रखा जाए, उसे बीच में नहीं खोला जाए। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश प्रशासन से कहा है कि शांति और सद्भाव बना रहना चाहिए।
इस मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया, “सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमिटी से कहा है कि इस मामले की याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर करिए। जब भी याचिका दायर की जाएगी, उसके तीन दिन के भीतर वो लिस्ट हो।”
विष्णु शंकर जैन ने कहा, “तब तक के लिए ट्रायल कोर्ट की सुनवाई रुकी रहेगी और एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट बंद लिफाफे में दायर करेंगे।”
वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील सुलेमान खान ने बताया, “सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि संभल में शांति और सद्भाव बना रहे। जब तक जामा मस्जिद कमिटी की याचिका की सुनवाई हाई कोर्ट में नहीं हो जाती, तब तक निचली अदालत कोई कार्रवाई नहीं करेगी।”
शाही जामा मस्जिद कमिटी के वकील ने कहा कि हमने इस मामले से जुड़े दस्तावेज़ों की मांग की थी, अदालत ने इसके लिए आदेश दे दिए हैं। एएसआई की सर्वे टीम ने रिपोर्ट पेश नहीं की है। उन्होंने रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय मांगा है। इस पर हमने आपत्ति दायर की है। अब मस्जिद का कोई सर्वे नहीं होगा। इस मामले की अगली सुनवाई अब 8 जनवरी को होगी और उसी दिन सर्वे रिपोर्ट पेश की जाएगी।
मामले की सुनवाई के मद्देनज़र प्रशासन ने अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। हिंसा के बाद पहली जुमे की नमाज के चलते शाही जामा मस्जिद के आस पास भारी संख्या में पुलिस तैनात है।