एनसीआरबी की रिपोर्ट में खुलासा
लखनऊ। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि पिछले साढ़े तीन साल में लगभग 25 हजार लोगों ने आर्थिक कारणों से सुसाइड किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी अपने जवाब में कहा कि वर्ष 2018 से वर्ष 2020 के दौरान दिवालियेपन या कर्ज के कारण आत्महत्या करने वालों की संख्या 16,091 थी।
देश में होने वाली आत्महत्या की घटनाओं को लेकर राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जवाब पेश किया। मंत्रालय की ओर बताया गया कि देश में वर्ष 2018, वर्ष 2019 और वर्ष 2020 में कुल 9,140 लोगों ने बेरोजगारी की वजह से खुद को मौत के घाट उतार लिया।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि इन तीन साल में दिवालियेपन या कर्ज के कारण आत्महत्या करने वालों की संख्या 16,091 थी।
गृह मंत्रालय ने कहा कि मानसिक विकारों के बोझ को दूर करने के लिए सरकार राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) को लागू कर रही है। इसके साथ ही देश के 692 जिलों में एनएमएचपी के तहत जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) के कार्यान्वयन को भी पूरा समर्थन दिया जा रहा है।