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प्राइवेटाइजेशन से पहले वीआरएस ला सकते हैं बैंक

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मुंबई। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि निजीकरण से पहले ये बैंक अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) ला सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते समय सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों तथा एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव किया था।
सूत्रों का कहना है कि आकर्षक वीआरएस योजना से निजी क्षेत्र द्वारा इन बैंकों का अधिग्रहण काफी सुगम हो जाएगा। नीति आयोग को निजीकरण के लिए बैंकों की पहचान का काम सौंपा गया था। आयोग ने कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अगुवाई वाली उच्चस्तरीय समिति को ये नाम सौंप दिए हैं। विनिवेश पर गठित सचिवों के मुख्य समूह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया जैसे कुछ बैंकों के निजीकरण पर विचार कर सकता है। इस उच्चस्तरीय समिति के अन्य सदस्यों में आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, व्यय सचिव, कॉरपोरेट मामलों के सचिव, विधि मामलों के सचिव, लोक उपक्रम विभाग के सचिव, निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव और प्रशासनिक विभाग के सचिव शामिल हैं।


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