मुंबई। चुनाव आयोग की ओर से शिवसेना के दोनों गुटों पर पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाए जाने को विपक्षी नेताओं समेत पार्टी के मुखिया उद्धव ठाकरे ने ‘अन्यायकारी’ बताया है। चुनाव आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों की ओर से पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न का उपयोग किए जाने पर शनिवार को पाबंदी लगा दी थी।
शिवसेना के नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने आयोग के आदेश के बाद शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘खोखेवाले गद्दारों के शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न फ्रीज कराने की शर्मनाक हरकत की है। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम सच के साथ हैं। सत्यमेव जयते!’ आदित्य ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर हरिबंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘अग्निपथ’ भी पोस्ट की है।
महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि चुनाव आयोग को उपचुनाव के लिए अंतरिम आदेश जारी करने के बजाय एक समेकित फैसला लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘यह अन्याय है।’
वहीं, शिंदे गुट के नेता और सासंद प्रतापराव जाधव ने कहा कि आयोग ने सही फैसला लिया है। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करके शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया है।
चुनाव आयोग के फैसले से निराश नहीं है ठाकरे गुट: राकांपा
राकांपा ने रविवार को कहा कि विधानसभा उपचुनाव में शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग का आदेश हैरत में डालने वाला है। लेकिन, इसका यह मतलब नहीं है कि उद्धव ठाकरे गुट कमजोर या हतोत्साहित है।
यह लोकतंत्र को फ्रीज करने जैसा: सिब्बल
चुनाव आयोग ने शिवसेना के दो गुटों के बीच चल रही तनातनी के बीच चुनाव चिह्न को फ्रीज करने के एक दिन बाद निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि यह लोकतंत्र को फ्रीज करने जैसा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर्दे के पीछे सरकार का काम करता है, वे इसे चुनाव आयोग कहते हैं! सरकार के इशारों पर काम करने वाली संस्थाओं पर शर्म आती है!