भारत को राष्ट्रीय आपदा पूल बनाने की आवश्यकता: एसबीआई रिपोर्ट
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। प्राकृतिक आपदाओं से निबटने के लिए भारत में एक राष्ट्रीय आपदा पूल बनाने की जरूरत है। भारत दुनिया में सबसे अधिक आपदा-संभावित देशों में से एक है। यह सिफारिश भारतीय स्टेट बैंक की ताजा रिपोर्ट में की गई है। पिछले दो दशक में कुल 100 करोड़ लोग प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुए हैं, जबकि 83 हजार लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। मौजूदा कीमतों के आधार पर देश को लगभग 13 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद का छह प्रतिशत नुकसान हुआ है।
प्राकृतिक आपदाओं के मामले में तीसरे पायदान पर भारत
रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 1900 से अब तक आई प्राकृतिक आपदाओं की संख्या के मामले में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। भारत में वर्ष 1900 से अब तक 756 प्राकृतिक आपदाएँ आई हैं जैसे भूस्खलन, तूफान, चक्रवात, भूकंप, बाढ़, सूखा आदि। देश में वर्ष 1900-2000 के दौरान 402 आपदाएं और वर्ष 2001-2021 के दौरान 354 आपदाएं आई हैं।
83000 लोगों की जान चली गई
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में कहा कि आपदाओं के कारण साल 2001 से अब तक कुल 100 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और लगभग 83,000 लोगों की जान चली गई। मौजूदा कीमतों के आधार पर देश की अर्थव्यवस्था को 13 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद का छह प्रतिशत नुकसान हुआ है। वर्ष 1991 और 2021 के बीच, देश में कुल नुकसान का केवल आठ प्रतिशत ही कवर किया गया, इसलिए, इस अवधि के दौरान लगभग 92 प्रतिशत सुरक्षा अंतर है।
बीमा कवर केवल 11 प्रतिशत
एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने इस रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 1900 के बाद से देश को 144 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है। वर्ष 2020 की बाढ़ से कुल आर्थिक नुकसान 7.5 अरब डॉलर या 52,500 करोड़ रुपये था, लेकिन बीमा केवल 11 प्रतिशत था। अगर सरकार ने इसका बीमा किया होता, तो 60,000 करोड़ रुपये के बीमा राशि का प्रीमियम सिर्फ 13,000-15,000 करोड़ रुपये होता।