मुंबई। पश्चिम बंगाल में भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटने वाली तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव प्रचार पर 154.28 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। कांग्रेस ने 84.93 करोड़ रुपये चुनावी खर्च का ब्योरा दिया है, जबकि भाजपा की ओर से विधानसभा चुनाव प्रचार के खर्च को कोई ब्योरा अब तक उपलब्ध नहीं कराया है।
तमिलनाडु में चिर प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक से सत्ता छीनने वाली द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) ने भी राज्य के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में चुनाव प्रचार पर 114.14 करोड़ रुपये (1,14,14,08,525 रुपये) से अधिक खर्च किए। चुनाव आयोग को इन पार्टियों द्वारा सौंपे गए चुनाव व्यय विवरण में यह जानकारी दी गई है।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के चुनावी खर्चों का विवरण अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया है। चुनाव से पहले तमिलनाडु में सत्ता पर काबिज अन्नाद्रमुक ने विधानसभा चुनावों में प्रचार पर 57.33 करोड़ (57,33,86,773) रुपये खर्च किए। इसमें पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव में प्रचार पर किए गये खर्च भी शामिल हैं।
असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु एवं पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 84.93 करोड़ (84,93,69,986) रुपये प्रचार पर खर्च किए हैं, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने चार राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव प्रचार पर 13.19 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और कांग्रेस मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी हैं, जबकि द्रमुक एवं अन्नाद्रमुक की मान्यता क्षेत्रीय दल के रूप में हैं।

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