नयी दिल्ली, 15 मार्च 2022 । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड से जुड़े 14,349 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के किसी कर्मी की चूक या संलिप्तता नहीं पाई गई है। वित्त मंत्री ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड को आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में सहायता संघ व्यवस्था के तहत ऋण सुविधाएं स्वीकृत की गई थीं। ऋणदाता बैंकों द्वारा 2013 में खाते को एनपीए घोषित किया गया था।
सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2014 में कॉर्पोरेट ऋण पुनर्गठन तंत्र के तहत ऋण सुविधाओं के पुनर्गठन का अनुमोदन किया गया था। इसके बाद बैंकों ने फोरेंसिक लेखा परीक्षा करने के लिए अर्न्स्ट एंड यंग लिमिटेड को नियुक्त करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारतीय स्टेट बैंक ने नवंबर 2019 में सीबीआई में एक शिकायत दर्ज कराई थी। सीबीआई ने सात फरवरी 2022 को कंपनी और उसके निर्देशकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की।