मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि जांच एजेंसी ने करोड़ों रुपये की एक कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में मुंबई की एक कृषि उत्पाद कंपनी के प्रबंध निदेशक को गिरफ्तार किया है। ईडी मामले में धनशोधन संबंधी जांच कर रही है। समूह की कंपनियों ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन समूह की कंपनियों के साथ भी “फर्जी” लेनदेन किया था।
ईडी ने बताया कि अशर एग्रो लिमिटेड और समूह की अन्य कंपनियों के प्रबंध निदेशक (एमडी) विनोद चतुर्वेदी को 17 सितंबर को “बैंक ऋण की धोखाधड़ी और गबन” के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है।
चतुर्वेदी ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया और न ही कोई जानकारी दी। एजेंसी ने कहा कि 18 सितंबर को मुंबई में एक विशेष धनशोधन रोकथाम अदालत ने चतुर्वेदी को पांच दिनों की उसकी हिरासत में भेज दिया है।
सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर चतुर्वेदी, उनकी कंपनी और मनोज पाठक नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ पीएमएलए का मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि “समूह ने बैंकों के एक गठजोड़ से 915.65 करोड़ रुपये का ऋण लिया और उसका गबन कर लिया। प्रवर्तकों ने 15 शेल कंपनियों का गठन करने के बाद फर्जी लेनदेन किया।”