1034 करोड़ रुपये में एफएसआई बेचने के आरोप, मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त
मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक प्रवीण एम. राउत को गिरफ्तार किया है। यह कंपनी पात्रा चाल गोरेगांव पुनर्विकास मामले में लिप्त पाई गई थी। इस जमीन पर महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) की 47 एकड़ जमीन पर 672 किरायेदार थे। आरोपी को मुंबई स्थित सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। राउत को 09 फरवरी तक रिमांड पर ईडी हिरासत में भेजा गया है।
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मेसर्स गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 आर/डब्ल्यू 420 बी और 409 के तहत केस दर्ज किया था। ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की थी।
प्रवीण राउत की कंपनी के साथ गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन में निदेशक राकेश कुमार वधावन और सारंग वधावन ने अन्य लोगों के साथ मिलकर अवैध रूप से विभिन्न बिल्डरों के नाम पर 1034 करोड़ रुपये में एफएसआई बेच दिया। प्रवीण राउत ने पुनर्विकास परियोजना में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
जांच में यह भी पता चला है कि वर्ष 2010 के दौरान प्रवीण ने अपने बैंक खाते में इक्विटी की बिक्री और भूमि सौदे की आड़ में 95 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। पीएमसी बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में भी प्रवीण राउत की 72.65 करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की गई। राउत को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त पाया गया था।