मुंबई। हीरानंदानी ग्रुप के प्रमुख निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को तत्काल प्रभाव से रेपो दर में 40 बीपीएस की बढ़ोतरी कर दी है। आरबीआई गवर्नर के इस निर्णय पर रूस-यूक्रेन संघर्ष और वैश्विक मुद्रास्फीति से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का स्पष्ट परिणाम दिखाई दे रहा है। हाई इन्फ्लेशन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है।
डॉ हीरानंदानी ने आरबीआई के इस कदम को कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने की दिशा में उठाया गया एक कदम बताया। रियल एस्टेट के नजरिए से उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रेपो दरों में बढ़ोतरी से होम लोन की ब्याज दरों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नियामक यह सुनिश्चित करेगा कि होम लोन की बढ़ी हुई दरों से होम बायर्स पर मुद्रास्फीति का दबाव न पड़े। आरबीआई का यह कदम मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति के 17 महीने के उच्च स्तर पर होने के साथ भारत की मुद्रास्फीति दरों के उच्च स्तर पर पहुंचने की पृष्ठभूमि के साथ आया है।