मुंबई। कोरोना ने उद्योग-धंधों की कमर तोड़ कर रख दी है। पिछले तीन महीने से सरकार के राजस्व में भारी कमी आई है। हालात यह हैं कि सरकारी तिजोरी खाली होती जा रही है और सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। सरकारी कर्मचारियों का वेतन देने के लिए सरकार को कर्ज भी लेना पड़ सकता है। इस संदर्भ में महाराष्ट्र सरकार में राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने पुणे में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिंता जताई है।
मंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण सरकारी राजस्व में कमी आई है, जिसकी वजह से अगले महीने में कर्मचारियों को वेतन देने के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है। अन्य सरकारी विभागों में वेतन कटौती की नौबत आ गई है। राज्य में उद्योग कारोबार ठप हैं। राज्य की आर्थिक स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। केंद्र सरकार से भी कोई आर्थिक पैकेज नहीं मिल पा रहा है। केंद्र को राज्य सरकारों का बकाया भुगतान भी करना चाहिए। शीघ्र ही मदद देनी चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से ऐसा होता दिख नहीं रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री निधि में मदद करने की अपील करनेवाले राजनेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य की सहायता करने की बजाय कुछ लोग सरकार पर टिप्पणी कर रहे हैं। यह लोग मुख्यमंत्री सहायता निधि में मदद करने का आवाहन करने की बजाय पीएम फंड में मदद करने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे लोगों को राज्य सरकार के खिलाफ बोलने का कोई अधिकार नहीं है।