मुंबई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत चालू वित्त वर्ष की अगली किस्त किसानों के खाते में दिसंबर में आने की संभावना है, लेकिन इस बीच इस योजना में फर्जीवाड़े की बात सामने आई है। केंद्र और राज्य सरकार अब फर्जीवाड़ा करने वाले किसानों से रकम वसूलने की तैयारी कर रही है। गलत तरीके से पीएम किसान सम्मन निधि का लाभ लेनेवाले सभी किसानों से 208 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी। महाराष्ट्र में इनकम टैक्स चुकाने वाले लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना के तहत सालाना 6000 रुपये दे दिए गए थे। हालांकि महाराष्ट्र में अब तक 264 किसानों ने 24.8 लाख रुपये वापस किए हैं।
दरअसल, महाराष्ट्र में आयकर भरनेवाले 2.30 लाख किसानों को भी सम्मान निधि का भुगतान कर दिए जाने की बात सामने आई थी। इस योजना के तहत केवल गरीब या सीमांत किसानों को हो सम्मान राशि देने का प्रावधान है। जांच में यह मामला सामने आया है कि ऐसे किसानों को कुल 208.5 करोड़ रुपये दे दिए गए हैं। अब सरकार इनसे इस राशि वसूलने जा रही है। महाराष्ट्र के एग्रीकल्चर सेंसस के डिप्टी कमिश्नर विनय कुमार अवाटे ने बताया कि इन किसानों ने जानबूझकर या फिर अनजाने में यह पैसा ले लिया है। इसकी जांच अभी चल रही है। पीएम किसान योजना विभाग ने भी अपनी जांच मे पाया कि ये किसान योजना का लाभ लेने के हकदार नहीं हैं। ऐसे किसानों की पूरी जानकारी राज्य सरकार को भेजी गई है, ताकि उनसे पैसों की वसूली की जा सके।
किसानों ने 24.8 लाख रुपये वापस किए
गलत तरीके से राशि पाने वालों में सबसे अधिक किसान सातारा जिले से हैं। यहां के 19,289 किसानों से वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके अलावा, पुणे के 16101 किसान, जलगांव के 13942 किसान, सोलापुर के 13793 किसान, कोल्हापुर के 13061 किसान और नासिक के 12054 किसानों से भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी गई राशि वसूली जाएगी। यह किसान दिसंबर 2018 से ही इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। हालांकि महाराष्ट्र में अब तक 264 किसानों ने 24.8 लाख रुपये वापस किए हैं।