आरजेडी और इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ा, एनडीए के साथ फिर बनाएंगे सरकार
डिजिटल न्यूज डेस्क, पटना। बिहार में सियासी उलटफेर की अटकलें एक बार फिर सही साबित हुईं। बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया है। नीतीश कुमार ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। नीतीश ने आठवीं बार मुख्यमंत्री का पद छोड़ा और अब नौवीं बार शपथ लेंगे। पिछले 28 साल में वह तीसरी बार बीजेपी के साथ मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे।
नीतीश ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ मुख्यमंत्री आवास में बैठक में इस्तीफा देने के निर्णय की जानकारी दी। इसके बाद वह अपने वरिष्ठ मंत्रिमंडल सहयोगी विजेंद्र प्रसाद यादव के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को इस्तीफा सौंप दिया।
राज्यपाल से मुलाकात, सौंपा इस्तीफा
‘State of affairs within wasn’t good’: Nitish after resigning as CM and dumping Mahagathbandhan
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— ANI Digital (@ani_digital) January 28, 2024
कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह 11 बजे राजभवन पहुंचकर नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा। दूसरी ओर, बीजेपी विधायक भी राजभवन पहुंच रहे हैं। बीजेपी बहुमत की लिस्ट राज्यपाल को सौंपेगी और नई सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के साथ नीतीश कुमार फिर सीएम बनेंगे। नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने के बाद राजभवन से निकल गए।
पीएम मोदी से फोन पर बात के बाद नीतीश का इस्तीफा!
जानकारी के मुताबिक, रविवार की शाम चार बजे नीतीश कुमार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सूचना यह भी है कि पीएम मोदी से फोन पर बात के बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफे का फैसला लिया।
चौधरी और सिन्हा चुने गए बीजेपी विधायक के नेता
बिहार बीजेपी के प्रभारी विनोद तावड़े ने पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद ऐलान किया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर विजय सिन्हा को उपनेता चुना गया है। यह दोनों राज्य के अगले डिप्टी सीएम बनेंगे।
विधानसभा में ऐसा है गणित
बिहार विधानसभा में फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के 78 विधायक हैं, जबकि जदयू के 45 विधायक और हम के 4 विधायक हैं। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में तीनों दलों को मिलाकर यह आंकड़ा 127 होता है, जो बहुमत के 122 के आंकड़े से पांच ज्यादा है।
तीसरी बार बीजेपी के साथ
- वर्ष 1996 में नीतीश ने बीजेपी से पहली बार गठबंधन किया। 3 मार्च 2000 को सीएम बने, लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाई और पद छोड़ दिया। हालांकि केंद्र में अटल बाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री बने। - 1996 से 2013 तक नीतीश बीजेपी के साथ रहे। जब नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया, तो वे एनडीए से अलग हो गए। 2015 में महागठबंधन की सरकार में सीएम रहे। - दूसरी बार वे 2017 में एनडीए में लौटे और बीजेपी की मदद से सरकार बनाई। - 2024 में अब वे तीसरी बार बीजेपी की मदद से मुख्यमंत्री बनेंगे। 28 साल में तीसरी बार वे बीजेपी के साथ जा रहे हैं।