मुंबई। कर्ज के बोझ से दबी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के लेंडर्स और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर ने कंपनी के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन की ओर से किसी सेटलमेंट ऑफर पर विचार करने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। एडमिनिस्ट्रेटर आर. सुब्रमनिया कुमार ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के लेंडर्स को वधावन के सेटलमेंट के ऑफर पर विचार करने के ऑर्डर के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) में अपील दायर की है। इसके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी क्रेडिटर्स की कमेटी (सीओसी) की ओर से 19 मई के ऑर्डर के खिलाफ NCLAT में अपील की है। फिलहाल वधावन मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जेल में हैं।
आरबीआई की ओर से नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर ने एनसीएलटी के ऑर्डर को गैर कानूनी और कानून के तय प्रावधानों के खिलाफ बताया है। एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने 19 मई को एडमिनिस्ट्रेटर को वधावन के 91,158 करोड़ रुपये के सेटलमेंट ऑफर को विचार के लिए सीओसी के सामने रखने और इस पर फैसला करने के लिए कहा था। एडमिनिस्ट्रेटर को 10 दिनों के अंदर फैसले की जानकारी देने को कहा गया था। आरबीआई ने पहले ही इस मामले में अपने जवाब में बताया है कि वधावन के खिलाफ धोखाधड़ी, फ्रॉड, फंड की गड़बड़ी करने सहित गंभीर आरोपों के लिए मामला चल रहा है। इन परिस्थितियों में वधावन को सेटलमेंट का मौका दिया जाना उसकी ओर से की गई गड़बड़ियों से उसको फायदा लेने की अनुमति देने के समान होगा।