✍🏻 प्रहरी विशेष संवाददाता, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार की चर्चित ‘मुख्यमंत्री माझी लाडली बहन योजना’ में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। हाल की एक जांच में खुलासा हुआ है कि 2,652 सरकारी महिला कर्मचारियों ने इस योजना के तहत गैरकानूनी रूप से वित्तीय लाभ प्राप्त किया, जबकि सरकारी नियम स्पष्ट रूप से सरकारी कर्मचारियों को इस योजना के लिए अयोग्य घोषित करते हैं। इस घटना ने राज्य की कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जांच की शुरुआत तब हुई, जब शिकायतें मिलीं कि कई सरकारी महिला कर्मचारी अवैध रूप से इस योजना की राशि हासिल कर रही थीं।
सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग ने 1,60,559 सरकारी कर्मचारियों, पुरुष और महिला, के यूआईडी डेटा का गहन विश्लेषण किया। जांच में पाया गया कि इन 2,652 महिला कर्मचारियों ने अगस्त 2024 से अप्रैल 2025 तक हर महीने 1,500 रुपये का लाभ लिया, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 3.58 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
सरकारी आदेश के मुताबिक, सरकारी कर्मचारी इस योजना के लिए न तो आवेदन कर सकते हैं और न ही लाभ ले सकते हैं। इसके बावजूद, इन कर्मचारियों ने कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर लाभ हासिल किया। अब सरकार इस जांच को और विस्तार देने की योजना बना रही है, जिसमें अतिरिक्त छह लाख कर्मचारियों के रिकॉर्ड की पड़ताल होगी।
इसके अलावा, जांच में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि 8.85 लाख महिलाओं ने ‘नमो शेतकरी योजना’ और ‘लाडली बहन योजना’ दोनों का एक साथ लाभ उठाया, जिससे योजनाओं की पात्रता और समन्वय पर सवाल उठ रहे हैं।
