175 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी का मामला
✍🏻 प्रहरी संवाददाता, नई दिल्ली। कॉलेज वित्तीय सहायता स्टार्टअप फ्रैंक की संस्थापक चार्ली जाविस को न्यूयॉर्क की अदालत ने 175 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराया है। जाविस पर आरोप था कि उन्होंने JPMorgan Chase के साथ अधिग्रहण सौदे के दौरान अपनी कंपनी के ग्राहक आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। जूरी ने उन्हें प्रतिभूति धोखाधड़ी, बैंक धोखाधड़ी, वायर धोखाधड़ी और साजिश जैसे गंभीर आरोपों में दोषी पाया। जाविस की स्टार्टअप फेडरल स्टूडेंट फाइनेंशियल एड एप्लिकेशन (FAFSA) प्रक्रिया को सरल बनाने का दावा करती थी।
क्या था फ्रैंक का फर्जीवाड़ा?
चार्ली जाविस और उनके सह-प्रतिवादी ओलिवियर अमर, जो फ्रैंक के पूर्व मुख्य विकास अधिकारी हैं, ने कथित तौर पर कंपनी के ग्राहक आधार को 4.25 मिलियन दिखाया, जबकि असल संख्या केवल कुछ लाख थी। JPMorgan ने जब अधिग्रहण के बाद ग्राहक डेटा की सत्यापन प्रक्रिया शुरू की, तो यह खुलासा हुआ कि जाविस और उनकी टीम ने फर्जी ग्राहक सूचियां तैयार की थीं। उन्होंने एक तृतीय-पक्ष विक्रेता से डेटा सत्यापन करवाने के लिए नकली नाम, पते और अन्य जानकारी बनाई थी।
बचाव पक्ष का तर्क और फैसला
जाविस की रक्षा टीम ने दावा किया कि JPMorgan को असली ग्राहक संख्या का पहले से ही पता था और यह मामला “खरीद पछतावे” का परिणाम है। लेकिन जूरी ने इन तर्कों को खारिज करते हुए लगभग 8 घंटे की विचार-विमर्श के बाद चार्ली जाविस को सभी आरोपों में दोषी ठहराया।
चार्ली जाविस अब अधिकतम 30 वर्षों की जेल की सजा का सामना कर सकती हैं। उनकी सजा सुनवाई 23 जुलाई 2025 को होगी। यह मामला स्टार्टअप जगत में एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जो दिखाता है कि कंपनी के आंकड़ों को गलत तरीके से पेश करने से कितने गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं। जूरी ने उन्हें प्रतिभूति धोखाधड़ी, बैंक धोखाधड़ी, वायर धोखाधड़ी, और साजिश के गंभीर आरोपों में दोषी पाया।