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शिकायत पर कार्रवाई की बजाय पीड़ितों को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है
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पटवारी से लेकर दरोगा तक रिश्वतखोरी की कड़ी ऊपर तक जुड़ी
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आठ महीने से लगातार शिकायतें, लेकिन कार्रवाई शून्य
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सरकारी दावों के उलट जमीन माफिया को मिल रहा संरक्षण
✍🏻 डिजिटल न्यूज डेस्क, जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जमीन माफियाओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। गांव-गांव में राजस्व और पुलिस विभाग की मिलीभगत से आम नागरिकों का जीना दूभर हो गया है। दबंगई, कब्जेदारी और कागजों में हेरफेर अब आम बात हो गई है। हालात इतने गंभीर हैं कि शिकायत करने वाले नागरिकों को ही झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। आबादी की 5.5 बीघा जमीन अकेले ही भूमाफिया तिवारी हड़पना चाहता है, जिसमें लोकल पुलिस और राजस्व विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी शामिल हैं। मौजूदा आबादी भूमि अब भी किसी के नाम पर नहीं है।
जौनपुर जिले के बदलापुर तहसील क्षेत्र में यह समस्या और विकराल हो चुकी है। यहां पटवारी, लेखपाल और हल्का दरोगा से लेकर ऊपरी स्तर तक रिश्वत और सांठगांठ का ऐसा खेल चल रहा है, जिसमें गरीब और कमजोर परिवार पिसते चले जा रहे हैं। पीड़ित नागरिक थानों और तहसीलों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं, लेकिन समाधान के बजाय उन्हें धमकियां और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
भूमाफिया और असामाजिक तत्वों ने छुटभैए नेताओं व भ्रष्ट अधिकारियों से गठजोड़ कर जमीन कब्जाने का तंत्र खड़ा कर लिया है। शिकायतकर्ता पिछले आठ महीने में कई बार ऑनलाइन और ईमेल के जरिए गुहार लगा चुका है। 18 मार्च से 22 अगस्त 2025 तक उसने दर्जनों बार शिकायत दर्ज कराई, लेकिन न तो जांच हुई और न ही कार्रवाई। उल्टे पीड़ित और उसके परिवार को ही पुलिस ने निशाना बनाना शुरू कर दिया।
यूपी में जमीन विवादों का यही जाल अदालतों तक फैला हुआ है। हजारों मामले वर्षों तक लंबित रहते हैं और इसी बीच अधिकारी, दलाल और नेता की तिकड़ी मोटा माल बनाती रहती है। असली मालिक अपनी जमीन के कागज लेकर भटकता रह जाता है और कब्जा दबंगों के नाम चढ़ा दिया जाता है।
सरकार ‘भ्रष्टाचार मुक्त यूपी’ और ‘जमीन कब्जा रोकथाम अभियान’ की बात करती है, लेकिन हकीकत यह है कि राजस्व और पुलिस विभाग के कारिंदों ने पूरे तंत्र को माफियाओं का हथियार बना दिया है। सवाल यह है कि आखिर कब तक आम जनता इस भ्रष्ट गठजोड़ का शिकार बनती रहेगी और कब प्रदेश में जमीन माफिया राज पर लगाम लगेगी?
अब तक शिकायतकर्ता ऑनलाइन औऱ ईमेल के जरिए इतनी शिकायतें कर चुका है, लेकिन कोई न्याय नहीं मिला।
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