SCBA की बड़ी कार्रवाई, CJI गवई से बदसलूकी करने वाले वकील राकेश किशोर की सदस्यता रद्द
✍🏻 डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट में जूता निकालकर सनातन धर्म की दुहाई देने वाले अधिवक्ता राकेश किशोर की अब खुद की जमीन खिसक गई है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने आपातकालीन बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए किशोर की अस्थायी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। समिति ने कहा कि यह हरकत न सिर्फ कोर्ट की मर्यादा के खिलाफ थी, बल्कि संविधान और वकालत की शपथ का भी अपमान है।
बता दें कि यह वही राकेश किशोर हैं जिन्होंने 6 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश डी.आर. गवई की कोर्ट में हंगामा खड़ा किया था। सुरक्षा घेरे को चीरते हुए बेंच तक पहुंचे और जूता निकालकर फेंकने की कोशिश की। CJI गवई ने पूरी गरिमा बनाए रखी और कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सुरक्षाकर्मियों ने मौके पर ही दबोच लिया। इस दौरान वकील कोर्ट में चिल्लाते हुए बोले—“सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।”
SCBA की कार्यकारिणी ने इस हरकत को पेशे की मर्यादा और न्यायपालिका की गरिमा पर सीधा हमला बताया। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई। राकेश किशोर 2011 से एसोसिएशन के अस्थायी सदस्य थे। यह कार्रवाई बार काउंसिल ऑफ इंडिया के उस कदम के बाद हुई, जिसमें किशोर को पहले ही वकालत की प्रैक्टिस से निलंबित किया जा चुका है।
मामला खजुराहो की एक खंडित विष्णु मूर्ति को लेकर दायर याचिका से जुड़ा था। याचिका पर CJI ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यह मामला एएसआई के दायरे में आता है। सुनवाई के दौरान CJI गवई ने कहा था, “अगर आप इतने बड़े भक्त हैं, तो भगवान से ही कहिए ठीक कर दें।” बस, इसी टिप्पणी पर वकील साहब का धर्म खतरे में पड़ गया था।