ब्राह्मण लड़की 16 लाख, ओबीसी 12 लाख! छांगुर बाबा की ‘रेट लिस्ट’ से हड़कंप
✍🏻 प्रहरी संवाददाता, मुंबई। मुंबई की मशहूर हाजी अली दरगाह के बाहर अंगूठियां बेचने वाला एक बूढ़ा फकीर अचानक राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर में सबसे बड़ा खतरा बन गया है। 78 वर्षीय जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर बाबा, जो कभी मामूली तांत्रिक और कथित पीर के रूप में जाना जाता था, अब धर्मांतरण के करोड़ों रुपये के रैकेट का मास्टरमाइंड निकला है।
धोखे से पहचान बदल चुके छांगुर ने नीतू नामक सिंधी हिंदू लड़की को पहले फंसाया, फिर उसका नाम नसरीन रखवाकर उसे धर्मांतरण की साजिश में मुख्य मोहरा बना दिया। यहीं से शुरू हुआ हिंदू लड़कियों को इस्लाम में बदलने का सिलसिला, जिसमें जातियों के आधार पर बाकायदा रेट लिस्ट बनाई गई थी।
जांच में सामने आया है कि ब्राह्मण और क्षत्रिय लड़कियों को मुसलमान बनाने की कीमत 15 से 16 लाख रुपये तय थी, जबकि OBC वर्ग की लड़कियों का रेट 10 से 12 लाख और SC-ST वर्ग की लड़कियों का 8 से 10 लाख के बीच फिक्स किया गया था। यह दरें किसी होटल के रेट कार्ड की तरह बाकायदा तैयार की गई थीं।
छांगुर बाबा और उसकी टीम ने कथित रूप से 3,000 से ज्यादा हिंदुओं की सूची तैयार कर रखी थी, जिनमें से 40 से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराए जाने का दावा किया गया है। यूपी एटीएस ने छांगुर और नसरीन को लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया, जहां वे बाप-बेटी बनकर छिपे हुए थे।
यह भी सामने आया है कि इस पूरे ऑपरेशन के पीछे मिडिल ईस्ट से आई फंडिंग का बड़ा जाल है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट में बताया गया कि छांगुर के पास 106 करोड़ रुपये मिडिल ईस्ट के विभिन्न स्रोतों से आए, जिन्हें 40 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। ये रकम उसने संपत्तियों, स्कूल, धार्मिक संस्थानों और कथित “धार्मिक कार्यक्रमों” में खर्च की।
बलरामपुर और आसपास के इलाकों में छांगुर धार्मिक कार्यक्रमों के ज़रिए सैकड़ों गरीब दलित हिंदुओं की भीड़ जुटाकर इस्लाम में शामिल होने की प्रेरणा देता था। चांद औलिया दरगाह को इस रैकेट का केंद्र बताया जा रहा है, जहां वह खुद को आध्यात्मिक गुरु बताकर लोगों को झांसा देता था।
अब जब छांगुर और उसके नेटवर्क की परतें खुल रही हैं, यूपी एटीएस और ईडी इस बात की गहन जांच कर रहे हैं कि क्या यह सिर्फ एक धार्मिक साजिश थी या इसके पीछे किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की साजिश छिपी है।