लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे से भरा रहा। प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के विधायकों ने पहले ही दिन जोरदार प्रदर्शन किया, जबकि कांग्रेस ने राज्यपाल के आवास तक मार्च निकाला। प्रदेश सरकार पर लगातार निशाना साधने वाले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी विधानसभा पहुंच गए और विधायकों से सूबे में बढ़ते अपराध पर विरोध जताने की अपील की। कांग्रेस ने आजमगढ़ में ग्राम प्रधान की हत्या के विरोध में राजभवन की ओर मार्च निकाला और गिरफ्तारी दी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत आजमगढ़ पहुंचे। पुलिस ने लल्लू को गिरफ्तार किया, जबकि मंत्री नितिन राउत को आजमगढ़ में पीड़ित के गांव जाने से रोका गया। नितिन राउत गुरुवार सुबह मुंबई से वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे और आजमगढ़ जाने के लिए निकले। नितिन राउत को बीच रास्ते में पुलिस ने रोक दिया, जिसके विरोध में वह वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए। बाद में उन्होंनें पैदल ही आजमगढ़ के लिए मार्च शुरु कर दिया।
हालांकि दिवंगत विधायकों व सदन के पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजिल देने के बाद गुरुवार को विधानसभा स्थगित कर दी गयी और विधायी कार्य शुक्रवार को होंगे। मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे लालजी टंडन, प्रदेश की मंत्री कमल रानी वरुण व चेतन सिंह चौहान तथा दो मौजूदा विधायकों वीरेंद्र सिंह सिरोही और पारस नाथ यादव को श्रद्धांजलि देने के बाद विधान परिषद की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस बार कोरोना महामारी के चलते उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र केवल तीन दिन ही चलेगा, जिसमें विधायी कार्य दो ही दिन होंगे।
सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने विधानभवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। सपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सरकार इन दोनों ही मोर्चों पर पूरी तरह असफल रही है। इस दौरान विधानभवन में प्रवेश कर रहे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का घेराव करने के बाद नारेबाजी की गई। सपा के विधायक प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने तख्ती और पोस्टर पर सरकार विरोधी नारे लिख रखे थे।