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ट्रंप से मुलाकात से पहले जेलेंस्की ने शांति वार्ता के लिए रखी शर्त, EU नेताओं ने किया समर्थन
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सुरक्षा गारंटी पर सहमत हुआ रूस, अमेरिका-यूरोप देंगे यूक्रेन की रक्षा की जिम्मेदारी
✍🏻 डिजिटल न्यूज डेस्क, वॉशिंगटन/मॉस्को। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विदेशी दूत स्टीव विटकॉफ़ ने रविवार को खुलासा किया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का में हुई शिखर वार्ता में कई अहम समझौते हुए हैं, जो यूक्रेन शांति समझौते की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित हो सकते हैं।
सीएनएन से बातचीत में विटकॉफ़ ने कहा कि पुतिन ने “मजबूत” सुरक्षा गारंटी पर सहमति दी है, जिसके तहत यदि रूस भविष्य में दोबारा आक्रमण करता है तो अमेरिका और यूरोप सामूहिक रूप से यूक्रेन की रक्षा करेंगे। उन्होंने इसे “गेम-चेंजर” बताते हुए कहा कि रूस ने कानूनी रूप से बाध्यकारी वचन देने पर भी सहमति जताई है कि वह न तो यूक्रेन और न ही किसी अन्य यूरोपीय देश पर हमला करेगा।
यूक्रेन अपनी संप्रभुता और अखंडता से समझौता नहीं करेगा
इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इस पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है कि अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी का हिस्सा बनने को तैयार है। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यूक्रेन अपनी संप्रभुता और अखंडता से कोई समझौता नहीं करेगा और रूस से बातचीत वर्तमान मोर्चे की रेखा से शुरू होनी चाहिए। जेलेंस्की का यह बयान सोमवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ उनकी बैठक से एक दिन पहले आया है।
यूरोपीय देशों ने किया इस पहल का समर्थन
यूरोपीय नेताओं ने भी इस पहल का समर्थन किया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्रंप की प्रतिबद्धता की सराहना की और युद्ध समाप्त होने पर सुरक्षा आश्वासन बल का समर्थन जताया। वहीं, जर्मनी और यूरोपीय आयोग ने दोहराया कि सीमाएं बलपूर्वक नहीं बदली जा सकतीं।
रूस की ओर से वियना में उसके दूत मिखाइल उल्यानोव ने कहा कि मॉस्को इस बात से सहमत है कि यूक्रेन को विश्वसनीय गारंटी मिलनी चाहिए, लेकिन रूस को भी समान स्तर पर सुरक्षा आश्वासन दिए जाने चाहिए।
सीजफायर की संभावना कम
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अलास्का वार्ता को प्रगति बताया, लेकिन चेतावनी दी कि फिलहाल सीजफायर की संभावना कम है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिए कि नाटो सदस्यता के विकल्प के रूप में यूक्रेन को आर्टिकल-5 जैसी सुरक्षा व्यवस्था दी जा सकती है, जिसे अब तक रूस कड़े शब्दों में खारिज करता आया था।