निर्दलीय और छोटे दलों पर टिकी निगाहें
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद चुनाव को लेकर घमासान मचने की संभावना तेज हो गई है। महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के सामने विधान परिषद चुनाव में अपने सभी छह उम्मीदवारों को जिताने की चुनौती पेश आ गई है। शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर निर्दलीय सदस्यों और छोटे दलों से समर्थन की उम्मीद है। कांग्रेस और एनसीपी के नेता समर्थन के लिए छोटे दलों और निर्दलीय सदस्यों से बातचीत कर रहे हैं।
10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार
बता दें कि अगले महीने यानी सात जुलाई को 9 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। एक सीट बीजेपी सदस्य के निधन के कारण खाली हो गई थी। कुल 10 सीटों पर चुनाव कराए जा रहे हैं।
इन 10 सीटों के लिए कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। 20 जून को मतदान होना है। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने दो-दो उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बीजेपी ने पांच उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
एमवीए को जीत का भरोसा
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया है कि महा विकास आघाडी ने पूरी तैयारी कर ली है। एमवीए के सभी छह उम्मीदवार एमएलसी चुनाव जीतने में सफल होंगे। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बीजेपी हमेशा से केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करती रही है। राज्यसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दलों को धमकियां मिली थीं, अब भी मिल रही हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा में फिलहाल विधायकों की संख्या 285 है। इनमें छोटे दलों और निर्दलीय सदस्यों की संख्या 25 हैं। विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार को जीत के लिए 26 वोट की जरूरत होगी। बीजेपी के पास 106 विधायक हैं, जबकि शिवसेना के पास 55, कांग्रेस के पास 44 और एनसीपी के पास 52 विधायक हैं।
हालांकि दो उम्मीदवार उतारने वाली कांग्रेस अपने संख्या बल के दम पर केवल एक सीट जीत सकती है। दूसरी सीट पर जीत हासिल करने के लिए उसे निर्दलीय सदस्यों और छोटे दलों का समर्थन हासिल करना होगा। बीजेपी ने चुनाव में पांच उम्मीदवार उतारे हैं और वह अपने संख्या बल के दम पर चार सीटों पर जीत हासिल कर सकती है जबकि दो-दो उम्मीदवार उतारने वालीं शिवसेना और एनसीपी को दो-दो सीटों पर जीत मिल सकती है।