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गगनयान के लिए पहली मानव रेटेड परीक्षण उड़ान इस साल संभव नहीं

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चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि जियो सिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-एमके थ्री (जीएसएलवी एमके थ्री) की पहली परीक्षण उड़ान इस साल कोविड महामारी और लॉकडाउन के कारण संपन्न नहीं होगी। उन्होंने कहा कि रॉकेट के लिए अधिकांश डिजाइन और प्रलेखन गतिविधियां पूरी कर ली गई हैं। इसरो भारत के पहले जियो इमेजिंग सैटेलाइट (जीआईएसएटी -1) को भूस्थिर कक्षा में स्थापित करने के लिए लॉन्च करने की प्रतीक्षा कर रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव के. सिवन ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार और देश भर में लॉकडाउन के कारण, विक्रेता कम क्षमता पर काम कर रहे हैं। इससे इस प्रोजेक्ट में जरूरी घटकों की आपूर्ति प्रभावित हुई है। अधिकारी भी लॉकडाउन के कारण घर से काम कर रहे हैं। ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया -1 और 18 अन्य उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के साथ इसरो ने वर्ष 2021 की शुरूआत की थी।
उन्होंने कहा कि पहले मानव रेटेड जीएसएलवी-एमके थ्री दो परीक्षण उड़ानों में से पहली, इस साल 2021 के अंत तक उड़ान भरने के लिए निर्धारित की गई थी। उड़ान के परिणाम लेते हुए एक और मानव रहित रॉकेट जाएगा, जबकि तीसरा रॉकेट भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएगा। क्रू मॉड्यूल का विकास किया जा रहा है और 80 प्रतिशत हार्डवेयर के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। रॉकेट के सॉलिड फ्यूल मोटर के स्टैटिक टेस्ट इस सितंबर में होने हैं और लिक्विड फ्यूल इंजन का भी टेस्ट किया जाएगा। इस बीच, चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री रूस में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद इस मार्च में भारत लौट आए और अब देश में विभिन्न अंतरिक्ष मिशन विशिष्ट प्रशिक्षण से गुजरेंगे।


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