✍🏻 प्रहरी संवाददाता, मुंबई। मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से मांडवा जा रही अजंता कंपनी की बोट में शुक्रवार शाम 5:30 बजे छेद हो गया। 130 यात्रियों से भरी इस फाइबर बोट में समुद्र की तेज लहरों के कारण पानी भरने लगा। मांडवा जेट्टी से 1.5 किमी दूर हुए इस हादसे से यात्रियों में दहशत फैल गई। चालक दल ने तुरंत आपातकालीन संदेश भेजा, जिसके बाद स्पीड बोट्स ने बचाव शुरू किया। कुछ यात्रियों को दूसरी बोट्स में शिफ्ट कर बोट का वजन कम किया गया और इसे जेट्टी तक खींचा गया। सभी यात्री सुरक्षित बच गए।
यह हादसा पिछले साल 18 दिसंबर 2024 के नीलकमल बोट हादसे की याद दिलाता है, जिसमें 13 लोग मारे गए थे। उससे पहले 2020 के मांडवा हादसे में भी 88 यात्री मारे गए थे। इन दोनों घटनाओं ने समुद्री सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। हालांकि इस बार की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया।
इस हादसे पर मुंबई कोस्ट गार्ड और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की पुष्टि की है। कोस्ट गार्ड ने बताया कि आपातकालीन संदेश मिलते ही उनकी टीमें और स्थानीय मछुआरों की बोट्स ने बचाव शुरू किया। सभी 130 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया, और कोई हताहत नहीं हुआ।
मुंबई पुलिस ने कहा कि बोट में छेद की प्रारंभिक जांच में तकनीकी खराबी सामने आई है, जिसकी विस्तृत जांच जारी है। बोट को जेट्टी पर लाकर मरम्मत के लिए भेजा गया। अधिकारियों ने कहा कि समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।