डिजिटल क्रांति के साथ बढ़ रहा साइबर
अपराध, सरकार और जनता दोनों को रहना होगा सतर्क
प्रहरी संवाददाता, मुंबई, दिल्ली। देश में साइबर फ्रॉड के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, हाई वैल्यू साइबर फ्रॉड के मामलों में चार गुना इजाफा हुआ है, जिससे वित्त वर्ष 2024 में भारत को 20 मिलियन डॉलर (करीब 177 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 से मार्च 2024 के बीच भारत में साइबर धोखाधड़ी के कारण कुल 14,570 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, और इस अवधि में 2.16 करोड़ शिकायतें दर्ज की गई हैं।
बता दें कि डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन बैंकिंग के बढ़ते उपयोग के कारण साइबर अपराधी नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं।
सरकार इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठा रही है, लेकिन आम नागरिकों की जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है। साइबर सुरक्षा को लेकर लापरवाही से हर साल हजारों लोग अपनी मेहनत की कमाई गवां रहे हैं।
साइबर फ्रॉड में तेजी: आंकड़ों पर एक नजर
पिछले वर्षों में साइबर फ्रॉड के कारण हुए वित्तीय नुकसान में भारी उछाल देखा गया है—
इसके अलावा, एक लाख रुपये से अधिक के बड़े साइबर फ्रॉड के मामले 6,699 से बढ़कर 29,082 हो गए हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना वृद्धि को दर्शाता है। 2025 के पहले तीन महीनों में वॉट्सऐप से जुड़ी साइबर धोखाधड़ी की कुल 43,797 शिकायतें आई हैं।
डिजिटल लेनदेन बढ़ा, तो बढ़ा साइबर फ्रॉड भी
- देश में इंटरनेट और स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
- डिजिटल भुगतान में जबरदस्त उछाल—भारत में सालाना 1 ट्रिलियन से अधिक मोबाइल पेमेंट किए जा रहे हैं।
- पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसी डिजिटल भुगतान सेवाएं इस क्रांति को बढ़ावा दे रही हैं।
- लेकिन साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभी भी कम है, जिससे स्कैमर्स AI, फिशिंग और ऑनलाइन ट्रिक्स के जरिए लोगों को ठग रहे हैं।
कैसे हो रहे हैं साइबर फ्रॉड?
सरकार की सख्ती और उठाए गए कदम
✔ स्पैम कॉल और फ्रॉड मैसेज ब्लॉक करने के निर्देश – टेलीकॉम रेगुलेटर और सेंट्रल बैंक को ठोस कदम उठाने के आदेश।
✔ साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान – मीडिया, सेलिब्रिटी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए जनता को जागरूक करने पर जोर।
✔ नए साइबर सुरक्षा नियम लागू – डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए OTP और मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को बढ़ावा।
✔ फ्रॉड ट्रैकिंग सिस्टम मजबूत किया जा रहा है – साइबर पुलिस, डिजिटल फोरेंसिक टीमें और बैंक मिलकर रियल-टाइम फ्रॉड ट्रैकिंग पर काम कर रहे हैं।
✔ कंपनियों पर सख्ती – बैंकों और डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स को सुरक्षा मानकों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
कैसे बचें साइबर फ्रॉड से?
✅ संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
✅ अज्ञात लिंक, ईमेल या मैसेज पर क्लिक करने से बचें।
✅ किसी भी बैंकिंग कॉल की सत्यता की पुष्टि करें।
✅ UPI पिन या OTP किसी को न बताएं, चाहे कॉलर कोई भी हो।
✅ सार्वजनिक Wi-Fi पर बैंकिंग ट्रांजैक्शन न करें।
✅ अपने बैंकिंग और डिजिटल वॉलेट ऐप्स में मजबूत पासवर्ड और मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें।