अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया समझौता: चीन के वर्चस्व को टक्कर देने के लिए 8.5 अरब डॉलर की खनन डील
✍🏻 प्रहरी डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली | एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते आर्थिक प्रभाव को संतुलित करने के लिए अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया के साथ एक बड़ा रणनीतिक कदम उठाया है। दोनों देशों ने रेयर अर्थ और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों की सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए 8.5 अरब डॉलर का समझौता किया है। यह पहल ट्रंप प्रशासन की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत अमेरिका वैश्विक खनिज बाज़ार में चीन के वर्चस्व को चुनौती देना चाहता है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने बताया कि इस डील से “तुरंत शुरू किए जा सकने वाले” कई खनन और प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी। समझौते के अनुसार, अगले छह महीनों में दोनों देश एक अरब डॉलर के संयुक्त निवेश से अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में रेयर अर्थ प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाएंगे।
वर्तमान में दुनिया में रेयर अर्थ मिनरल्स की माइनिंग का लगभग 70% और प्रोसेसिंग का 90% हिस्सा चीन के पास है। ये मिनरल्स रक्षा उपकरणों, कंप्यूटर चिप्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बेहद जरूरी हैं। चीन द्वारा अमेरिकी टैरिफ़ के जवाब में सप्लाई प्रतिबंध की धमकी के बाद से वॉशिंगटन इसकी वैकल्पिक आपूर्ति पर गंभीरता से काम कर रहा है।
अमेरिका ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में गैलियम रिफ़ाइनरी स्थापित करने में निवेश की घोषणा की है, जिसकी सालाना क्षमता 100 टन होगी। इसके अलावा अमेरिकी एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक द्वारा 2.2 अरब डॉलर की फंडिंग से अहम मिनरल्स प्रोजेक्ट्स को भी बल मिलेगा।
इस समझौते के बाद ‘लिनास रेयर अर्थ्स’ और ‘एमपी मटीरियल्स’ जैसी कंपनियों के शेयरों में तेज़ उछाल देखा गया है। ट्रंप प्रशासन ने इसे “भविष्य के तकनीकी युग की नींव” बताते हुए कहा है कि यह डील अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी को एक नए रणनीतिक स्तर पर ले जाएगी, जहां खनिज सुरक्षा और चीन पर निर्भरता कम करना मुख्य लक्ष्य रहेगा।