5 ट्रिलियन इकोनॉमी वाले देश में होती है कुपोषण से लाखों लोगों की मौत
कोविड काल में अरबपतियों की संख्या बेतहाशा बढ़ी
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते न्यू इंडिया यानी भारत की 70 फ़ीसदी आबादी के पास पौष्टिक भोजन खरीदने की क्षमता नहीं है, जबकि पिछले दो साल में देश में अरबपतियों की संख्या में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अरबपतियों के लिहाज से भारत अब अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। भारत में कुपोषण से होने वाली बीमारियों की वजह से हर साल 17 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
बता दें कि साल 2021 में भारत में अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल की संख्या 11 फ़ीसदी बढ़कर 13,637 हो गई। ऐसे अमीरों की संख्या साल 2020 में 12,287 थी। एक ओर जहां अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है, उनकी नेटवर्थ में इजाफा हो रहा है, वहीं ग्लोबल न्यूट्रीशन रिपोर्ट 2021 के मुताबिक, भारत की 71 फ़ीसदी आबादी पौष्टिक भोजन खरीदने के लायक नहीं है। इस मामले में दुनिया का औसत 42 फीसदी है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मछली, दूध-दही, पनीर और मीट आदि का सेवन कर पाना आम लोगों के बस से बाहर की बात हो गई है। भारत में 20 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को करीब 36 ग्राम फल ही रोजाना मिल पाता है, जबकि औसतन 200 ग्राम रोजाना खाना चाहिए। सब्जियों की मात्रा रोजाना 300 ग्राम की जगह 168 ग्राम ही मिल पाती है। भारत की ज्यादातर आबादी पौष्टिक खाने के रोजाना टारगेट का एक चौथाई भी पूरा नहीं कर पाती।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई बढ़ने की वजह से पिछले 2 साल में लोगों की पहुंच से पौष्टिक खाना बाहर हो गया है। कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स इन्फ्लेशन पिछले एक साल में 327 फ़ीसदी बढ़ा है, जबकि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में 84 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में वृद्धि की सबसे बड़ी वजह खाने पीने की चीजों के भाव में आई बढ़ोतरी है।