सीबीआई जांच को रद्द करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास
डिजिटल न्यूज डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक में फिर राजनीति तेज है। बीजेपी के फैसले को कांग्रेस ने पलटना शुरू कर दिया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के खिलाफ चल रहे सीबीआई जांच को रद्द करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास हो गया है। यह केस पूर्व बीजेपी की सरकार के कार्यकाल में दर्ज हुआ था। कांग्रेस की सरकार ने कहा है शिवकुमार पर दर्ज वह केस कानूनी तौर पर सही नहीं था। शिवकुमार पर वर्ष 2013-2018 की अवधि के दौरान कथित तौर पर आय से अधिक 74.93 करोड़ की संपत्ति रखने का आरोप लगाया गया था।
कर्नाटक के मंत्री एचके पाटील ने कहा शिवकुमार के खिलाफ जिस तरह चार्ज लगाया गया था और मामला सीबीआई को सौंपा गया था, वह कानूनन सही नहीं था। राजनीति से प्रेरित इस केस को सीबीआई को सौंपने से पहले स्पीकर की मंजूरी लेना भी जरूरी नहीं समझा गया था।
कर्नाटक सरकार ने कहा कि सरकार ने पहले तत्कालीन महाधिवक्ता और वर्तमान महाधिवक्ता की राय लेने के बाद ही शिवकुमार के खिलाफ केस को रद्द करने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया। मंत्री एचके पाटील ने बताया कि कैबिनेट के फैसले के बाद अगले कुछ दिनों में प्रशासनिक मंजूरी सामने आ जाएगी।
येदियुरप्पा सरकार के कार्यकाल में हुआ केस
कर्नाटक की पूर्व बीजेपी सरकार में डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ था। बीजेपी सरकार ने तब उस केस को सीबीआई को सौंप दिया था।
शिवकुमार ने कर्नाटक हाईकोर्ट से पूर्व की येदियुरप्पा सरकार के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने इसी साल अप्रैल में उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था।
अदालत ने कहा था कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी. कोर्ट का कहना था कि सीबीआई ने अपनी जांच करीब-करीब पूरी कर ली है।
शिवकुमार पर 74 करोड़ का मामला दर्ज
मामला साल 2017 का है। डीके शिवकुमार के घर और दफ्तरों में आयकर विभाग ने तलाशी ली थी, जिसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी उनके खिलाफ अपनी जांच शुरू की। सितंबर 2019 में सीबीआई ने राज्य सरकार से एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी मांगी। येदियुरप्पा सरकार की अनुमति मिलने के बाद सीबीआई ने अक्टूबर 2020 में शिवकुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।