मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 705 करोड़ रुपये की अनियमितता के मामले में जीवीके ग्रुप के चेयरमैन जीवीके रेड्डी और उनके बेटे संजय रेड्डी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अलावा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ ही अन्य कंपनियों के कई अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।
एयरपोर्ट डेवलपमेंट के नाम पर फंड की हेराफेरी
बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने 705 करोड़ रुपये की अनियमितता मामले की जांच शुरू की है। जीवीके ग्रुप समूह व अन्य कंपनियों के खिलाफ साल 2012 से लेकर 2018 के बीच सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा है कि जीवीके ग्रुप ने एएआई के कुछ अधिकारियों की देखरेख में मुंबई एयरपोर्ट के विकास के नाम पर एमआईएएल कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये के फंड्स की हेराफेरी की है। जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड, एमआईएएल, जीवीके ग्रुप चेयरमैन जीवीके रेड्डी समेत 14 लोगों और संस्थाओं के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है।
अनियमितताओं की जांच कर रही है सीबीआई
सूत्रों ने बताया कि जीवीके ग्रुप ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) और कुछ विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) नाम से एक कंपनी बनाई थी। इस कंपनी में जीवीके के 50 प्रतिशत से ज्यादा शेयर हैं। आरोप है कि साल 2012 से साल 2018 के बीच जीवीके ग्रुप ने एमआईएएल के सरप्लस फंड का उपयोग अपनी दूसरी कंपनियों के लिए किया था। यह धनराशि 395 करोड़ रुपये के करीब थी।
जांच में खुलासा हुआ है कि कंपनी का कार्यालय मुंबई में है, डेवलपमेंट भी मुंबई एयरपोर्ट का होना था, लेकिन इसके बावजूद कंपनी ने सरप्लस फंड को हैदराबाद के बैंकों में ट्रांसफर कर दिया था। केंद्रीय जांच एजेंसी इन सभी अनियमितताओं की जांच कर रही है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।जीवीके समूह के चेयरमैन के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, जालसाजी का मामला दर्ज है। जीवीके रेड्डी एमआईएएल के चेयरमैन हैं, जबकि उनके बेटे संजय रेड्डी कंपनी में एमजी के तौर पर नियुक्त हैं।