प्रहरी संवाददाता, मुंबई। भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक जहाज ‘विक्रांत’ का समुद्र में बहुप्रतीक्षित परीक्षण बुधवार को शुरू हो गया। यह देश में निर्मित सबसे बड़ा और विशालकाय युद्धपोत है। भारतीय नौसेना ने इस अवसर को देश के लिए ‘गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक’ दिन बताया। भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है, जिसके पास स्वदेश में डिजाइन करने, निर्माण करने और अत्याधुनिक विमानवाहक जहाज तैयार करने की विशिष्ट क्षमता है।
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि विक्रांत का वजन 40,000 टन है और यह पहली बार समुद्र में परीक्षण के लिए तैयार है। इसी नाम के एक जहाज ने 50 साल पहले 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। इस विमानवाहक जहाज को, इसके विमानन परीक्षण पूरे करने के बाद, अगले साल की दूसरी छमाही में नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। इसकी लागत करीब 23,000 करोड़ रुपये है। इस जहाज पर 30 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किये जा सकते हैं।
बता दें कि युद्धपोत पर मिग-29के लड़ाकू विमानों और केए-31 हेलीकॉप्टरों का एक बेड़ा होगा। भारत के पास अभी सिर्फ एक विमानवाहक जहाज ‘आईएनएस विक्रमादित्य’ है। भारतीय नौसेना, हिंद महासागर क्षेत्र में सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की चीन की बढ़ती कोशिशों के मद्देनजर अपनी संपूर्ण क्षमता महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने पर जोर दे रही है। हिंद महासागर, देश के रणनीतिक हितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।