केंद्र सरकार ने संसद में कहा- एक करोड़ लोग हैं एनआरआई
प्रहरी संवाददाता, नई दिल्ली। भाजपा की केंद्र सरकार के पिछले सात साल के कार्यकाल में साढ़े आठ लाख भारतीय कारोबारियों और नागरिकों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है। सरकार ने सदन में बताया कि एक करोड़ से अधिक भारतीय नागरिक विदेशों में बसे हैं।
20 सितंबर तक 1.11 लाख लोगों ने त्यागी नागरिकता
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद को बताया था कि पिछले सात वर्षों में यानी 20 सितंबर 2021 तक 6,08,162 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी थी। इसमें से 1,11,287 लोगों ने इस साल 20 सितंबर तक अपनी भारतीय नागरिकता का त्याग किया था।
पाकिस्तान के लोगों को देंगे नागरिकत्व!
नित्यानंद राय ने कहा कि 10,645 विदेशी नागरिकों ने इस साल भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। इनमें से ज्यादातर आवेदन पाकिस्तान (7,782) और अफगानिस्तान (795) से मिले हैं। इन लोगों ने साल 2016 और साल 2020 के बीच भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। वर्तमान में 100 लाख से अधिक यानी एक करोड़ भारतीय विदेशों में रह रहे हैं।
एनआरसी सप्लीमेंट जारी
असम के बारे में गृह मंत्रालय ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर, एनआरसी में शामिल किए जाने की सप्लीमेंट्री लिस्ट और इससे बाहर करने की ऑनलाइन फैमिली वाइज़ लिस्ट की हार्ड कॉपी 31 अगस्त 2019 को पब्लिश की जा चुकी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर कानून बनाने पर अभी फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि, कोई भी व्यक्ति जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के अंतर्गत आता है, वह कानून के नियमों के अधिसूचित होने के बाद भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
वर्ष नागरिकता छोड़ी
2017 1 लाख 33 हजार
2018 1 लाख 34 हजार
2019 1 लाख 44 हजार2020 85 हजार 248
2021 1 लाख 11 हजार