सालभर में दोगुने हुए 500 के नकली नोट
2000 रुपये के जाली नोट 54.16 पर्सेंट बढ़े, 500 रुपये के नकली नोट 101.9 पर्सेंट बढ़े
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। केंद्र सरकार ने छह साल पहले आनन-फानन में पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। सरकार ने दावा किया था कि नोटबंदी से आतंकी घटनाओं और नकली नोटों के कारोबार को खत्म किया जा सकता है। नकदी लेन-देन की गतिविधियों को भी रोका जा सकेगा, लेकिन सरकार के सारे दावे खोखले साबित हुए। आरबीआई की सालाना रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि 2000 रुपये के जाली नोट 54.16 पर्सेंट बढ़े हैं, तो वहीं 500 रुपये के नकली नोट 101.9 पर्सेंट बढ़े हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में नकली नोटों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। पिछले एक साल में 500 रुपये के नकली नोट दोगुने हो गए हैं। पिछले साल की तुलना में केंद्रीय बैंक ने 500 रुपये के 101.9 फीसदी और 2 हजार रुपये के 54.16 पर्सेंट नकली नोटों का पता लगाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2022 तक बैंकों में जमा हुए 500 और 2000 रुपये के नोटों में 87.1 फीसदी नकली नोट पाए गए थे। 31 मार्च 2021 तक यह आंकड़ा 85.7 पर्सेंट था। यह 31 मार्च 2022 तक चलन में मौजूद नोटों का कुल 21.3 फीसदी है।
वार्षिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मार्च 2022 तक चलन में कुल मुद्राओं के मुकाबले 2,000 रुपये के नोटों की संख्या घटकर 1.6 प्रतिशत रह गई है। एक साल पहले इसी अवधि में 2 हजार के नोटों की संख्या दो प्रतिशत थी। मार्च तक चलन में केवल 214 करोड़ रह गए हैं।
8 नवंबर 2016 को हुई थी नोटबंदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात आठ बजे अचानक टीवी पर आकर 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बंद करने की घोषणा की थी। इसके बाद सरकार ने 500, 1000 और 2000 रुपये का नया नोट अस्तित्व में लाया।
