नई दिल्ली, 9 मई 2022। आईपीसी की धारा 124A की वैधता पर मंगलवार को होने वाली सुनवाई से पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. केंद्र ने कहा है कि राजद्रोह कानून की समीक्षा की जा रही है. सरकार ब्रिटिश काल के कानूनों की जकड़न दूर करने के लिए वचनबद्ध है. इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन देश की अखंडता को बनाए रखना भी ज़रूरी है. सभी परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा. फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट राजद्रोह कानून की वैधता पर सुनवाई न करे.
केंद्र सरकार ने कहा है कि देश ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है. सरकार के सर्वोच्च स्तर पर खुद प्रधानमंत्री हर नागरिक की स्वतंत्रता और मानवाधिकार की रक्षा का समर्थन करते रहे हैं. सरकार इस बात को भी जानती है कि राजद्रोह कानून को लेकर न्यायविदों और दूसरे बुद्धिजीवियों ने अलग-अलग विचार व्यक्त किए हैं. सरकार इन सभी विचारों का आदर करती है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट 1962 में केदारनाथ सिंह बनाम बिहार मामले पर फैसला देते हुए कानून को वैध करार दे चुका है.