मुंबई, 30 सितंबर। बॉम्बे हाईकोर्ट ने डबल मर्डर केस के एक आरोपी को जमानत देते हुए कहा है कि किसी व्यक्ति को मुकदमे के लंबित रहने की वजह से अनिश्चित काल तक कैद में नहीं रखा जा सकता, क्योंकि यह भारत के संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति ने मामले के आरोपी को जमानत दे दी। पुणे जिले की लोनावाला पुलिस ने आरोपी को दोहरे हत्याकांड और साजिश के आरोप में सितंबर 2015 में गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति ने कहा कि त्वरित सुनवाई सुनिश्चित किए बिना व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुरूप नहीं है। आदेश में कहा गया है कि यदि कोई आरोपी पहले ही प्रस्तावित सजा की महत्वपूर्ण अवधि काट चुका है तो अदालत आम तौर पर उस पर लगे आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उसे जमानत पर रिहा करने के लिए बाध्य होगी।

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