प्रहरी संवाददाता, मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधायकों के सालाना विकास निधि कोष को मौजूदा तीन करोड़ रुपये से बढ़ाकर चार करोड़ रुपये कर दिया है। विधायकों के लिए यह दशहरे का उपहार करार दिया गया है।
बता दें कि अजित पवार के पास वित्त विभाग का जिम्मा भी है। कोरोना के कारण केंद्र सरकार ने हालांकि सांसदों के विकास निधि में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। केंद्र सरकार ने स्थानीय क्षेत्र विकास कोष (एमपीलैड) पर रोक लगा दी है। सांसदों के पास विकास कार्य के लिए निधि नहीं है। इससे निर्वाचन क्षेत्र का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।
राज्य के विधायक पिछले डेढ़ साल से विकास निधि बढाने की मांग कर रहे थे। गुरुवार को वित्त मंत्री ने विकास निधि में एक करोड़ रुपये की बढ़ोतरी कर दी। इससे विधायकों को 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष मिलेगा। विधायकों को विकास के नाम पर अब सालाना 1,400 करोड़ रुपये मिलेंगे।