डिजिटल न्यूज डेस्क, मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपीएनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में एकनाथ शिंदे नीत सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि महायुति शासन के दौरान भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है।
सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को अपराह्न करीब एक बजे गिर गई थी। पिछले साल चार दिसंबर को इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले के कहा कि तेज हवाओं के कारण प्रतिमा गिरने का सरकार का दावा ‘‘बेशर्मी की पराकाष्ठा” है। महा विकास आघाडी (एमवीए) एक सितंबर को दक्षिण मुंबई में हुतात्मा चौक से ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ तक एक मार्च निकालेगा।
ठाकरे ने कहा शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के खिलाफ मालवण में आज एमवीए के मोर्चा में व्यवधान पैदा कर रहे लोग मराठा योद्धा के विश्वासघाती हैं। उन्होंने एमवीए के प्रतिनिधिमंडल के राजकोट किला जाने के बाद शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं और बीजेपी समर्थकों के बीच हुई झड़प का हवाला देते हुए यह कहा। प्रतिमा गिरने का कुछ अच्छा परिणाम होने संबंधी महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर की टिप्पणी को लेकर ठाकरे ने कहा कि इसका मतलब है कि नयी प्रतिमा बनाने के लिए एक नई निविदा जारी की जाएगी और फिर से घोटाला होगा।
पवार ने कहा कि सरकार नौसेना को दोषी ठहराकर खुद को दोषमुक्त नहीं कर सकती क्योंकि प्रतिमा स्थापित करने के लिए उसकी (सरकार की) अनुमति आवश्यक थी। उन्होंने इस प्रतिमा को बनाने में भ्रष्टाचार होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकार के खिलाफ आक्रोश है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गिरना एक दुखद घटना है और इस पर राजनीति करने की कोई आवश्यकता नहीं है। फडणवीस ने आश्वासन दिया कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।