नई दिल्ली, 9 अप्रैल 2022 । वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से समय से पहले मरने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि दक्षिण एशिया के शहरों में सबसे ज्यादा है। एक शोध के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण ने मुंबई, बैंगलोर, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, सूरत, पुणे और अहमदाबाद में अनुमानित 1,00,000 लोगों की अकाल मृत्यु का कारण बना।
बर्मिघम विश्वविद्यालय और यूसीएल के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि तेजी से बढ़ते उष्णकटिबंधीय शहरों में 14 वर्षो में लगभग 1,80,000 परिहार्य मौतें वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ने के कारण हुई। वैज्ञानिकों की अंतर्राष्ट्रीय टीम ने 2005 से 2018 के लिए नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के उपग्रहों से अंतरिक्ष-आधारित अवलोकनों का उपयोग करके अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व में 46 भविष्य के मेगासिटीज के लिए वायु गुणवत्ता में डेटा अंतराल को कम करने का लक्ष्य रखा है।
साइंस एडवांस में 8 अप्रैल को प्रकाशित, अध्ययन से वायु गुणवत्ता में तेजी से गिरावट और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक वायु प्रदूषकों के शहरी जोखिम में वृद्धि का पता चलता है।