मुंबई। भारत की समुद्री सीमाओं पर खतरे से निपटने के लिए इंडियन नेवी अब परमाणु-पारंपरिक दोनों तरह की पनडुब्बियों के बेड़े को ऑपरेट करने की योजना बना रही है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ 90 बिलियन डॉलर के रक्षा करार को तोड़ दिया। फ्रांस को ऑस्ट्रेलिया के लिए पारंपरिक डीजल और इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों का निर्माण करना था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने परमाणु पनडुब्बी का विकल्प चुना है।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के लिए ज्यादा खतरा खुले महासागरों में है। इसलिए पारंपरिक पनडुब्बियों का ठेका रद्द करने की बात ऑस्ट्रेलिया के लिहाज से समझ में आती है, लेकिन भारत के लिए, समुद्री सीमाओं और खुले महासागर, दोनों जगह चुनौती है। इसलिए भारतीय नेवी ऐसा बेड़ा तैयार करेगी, जिनमें परमाणु और पारंपरिक दोनों ही प्रकार की पनडुब्बियों को शामिल किया जा सके। भारत अपने कुल बजट का 25 प्रतिशत सैन्य उपकरणों के निर्माण और खरीदी पर लगा रहा है, जबकि ब्रिटेन, चीन और अमेरिका इस मामले में काफी आगे हैं।
