डिजिटल न्यूज डेस्क, नोएडा। नोएडा अथॉरिटी के कई अधिकारियों पर करोड़ों रुपये के गबन करने का आरोप है। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है। इसी बीच, नोएडा अथॉरिटी से जुड़ी एक नई खबर ने अफसरों के चेहरे की हवाइयां उड़ा दी हैं। साल 2012 से 2016 के दौरान नोएडा प्राधिकरण में हुए 2,313 करोड़ के खर्च को लेकर लोकल फंड ऑडिट की टीम ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
125 फाइलों को खंगाल रही है टीम
घोटालों से जुड़े 128 प्रकरणों में 80 प्रतिशत ग्रुप हाउसिंग और नियोजन से संबंधित हैं। टीम 125 फाइलों को खंगाल रही है। समिति के सामने नोएडा प्राधिकरण की ओर से कई प्रकरण में जवाब दिए गए। इसमें सिविल, जल, विद्युत, जन स्वास्थ्य, किसानों के मुआवजे समेत कई अन्य मामले हैं। कुछ प्रकरणों में जवाब नहीं मिलने पर समिति ने संबंधित प्रकरण की फाइल के साथ लखनऊ आने को कहा है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि लोकल फंड ऑडिट की तरफ से लगाई गई सभी आपत्तियां खर्च और बकाया न वसूले जाने को लेकर हैं। इनमें प्रमुख आपत्तियां प्लानिंग और योजनाओं की तैयारी किए बगैर खर्च और करोड़ों फंसाए जाने को लेकर हैं।
ऑडिट रिपोर्ट में गड़बड़ी के संकेत
इस साल अगस्त में ऑडिट रिपोर्ट जारी हुई थी। इसमें सामने आया कि जमीन अधिग्रहण के बिना अंडरपास, ड्रेनेज और कलवर्ट के अलावा अन्य काम में प्राधिकरण के अफसरों ने गड़बड़ी की है।
रिपोर्ट में लगाई गई आपत्तियों को लेकर बुधवार को ग्रेनो स्थित जीबीयू में सुनवाई हुई। जीबीयू में लोक लेखा समिति की उपसमिति सुनवाई के लिए पहुंची थी। बैठक में दो आपत्तियों का निस्तारण कर दिया गया।