अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को दिया निर्देश
मुंबई। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जब्त की गई 440 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) अपना दावा कर सकेगा। मुंबई की एक विशेष अदालत ने जब्त की गई संपत्तियों को ‘लौटाने’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे मंजूरी दे दी है। अदालत ने कहा कि बैंक को हुए नुकसान को डीआरटी (ऋण वसूली अधिकरण) ने स्वीकार किया है।
बता दें कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पीएनबी के साथ 14,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने के आरोप हैं। दोनों ने क्रेडिट सुविधा हासिल करने के बाद बैंक को हजारों करोड़ रुपये की चपत लगाई। धनशोधन निषेध अधिनियम अदालत के विशेष न्यायाधीश वीसी बार्डे ने यह आदेश पिछले सप्ताह दिया था, लेकिन विस्तृत आदेश गुरुवार को उपलब्ध हुआ। नीरव मोदी की अनेक संपत्तियां उसे दिसंबर 2019 को ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित होने के बाद जब्त कर ली गई थीं।
पीएनबी ने जुलाई 2021 में कई आवेदन दे कर उन संपत्तियों को लौटाने की मांग की थी, जो नीरव मोदी की दो कंपनियों ‘फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (एफडीआईपीएल) और ‘फायरस्टार इंटरनेशनल’(एफआईएल) को क्रेडिट सुविधा देने के लिए बैंक के पास गिरवी रखी गई थीं। पीएनबी ने व्यक्तिगत वादी और पीएनबी कंसोर्टियम के प्रमुख बैंक के तौर पर और यूबीआई कंसोर्टियम के अधिकृत प्रतिनिधि के तौर पर आवेदन दाखिल किए थे। अदालत ने संपत्ति दिए जाने के अनुरोध वाली दो याचिकाओं को स्वीकार किया था, जिनमें 108.3 करोड़ रुपये की एफआईएल और 331.6 करोड़ रुपए वाली एफडीआईपीएल शामिल है।